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शुक्रवार, 7 मई 2010

मुस्लिम बहुल इलाको में ही दंगे क्यों होते है

देश में अब तक जहा भी दंगे प्रसाद हुए है ज्यादातर मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में ही हुए है . हम ज्यादा दूर जाए तो हम पायेंगे बटवारे के दोरान भी पंजाब , सिंध , बलूचिस्तान से ही शुरुआत हुई थी . जो वर्तमान में इस्लामिक राष्ट्र है . और वर्तमान में भी स्थिति कुछ एसी ही है बरेली और हद्राबाद के दंगे कुछ एसा ही दर्शाते है . कुछ लोग कहते है हिन्दू बहुल क्षेत्रो में मुस्लिम से भेद - भाव होता है उन्हें बेवजह तंग किया जाता है क्या यह बात सच है . अगर एसा होता तो क्या हरियाणा , महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश , राजस्थान जैसे राज्यों में मुसलमानों की जनसंख्या इतनी बढ़ सकती . आज भी बहुत से मुसलमान यह मानते है की हिन्दुस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले मुस्लिम ज्यादा खुशहाल और सम्पन्न है . फिर एसा क्यों होता है की जनसंख्या बढ़ने प़र दंगे शुरू हो जाते है हिन्दुओ को खदेड़ा जाता है जब की आज जहा जिस भी राज्य , शहर अथवा गाव में मुसलमानों की आबादी ५ % भी नही है वहा भी मुसलमानों को किसी प्रकार की कोई तकलीफ नही है . मुसलमान अच्छी तरह से अपने बीवी बच्चो का पालन पोषण कर रहे है और खुशहाल भी है . लेकिन ध्र्मान्तर्ण के जरिये मत परिवर्तन होने प़र ही दंगे शुरू हो जाते है क्या यह हिन्दुओ के साथ अत्याचार नही है या यह हमारी सहिष्णुता का गलत फायदा है . मै सभी मुसलामनो का विरोध नही करता लेकिन इतना जरुर समझता हूँ जो मुसलमान राष्ट्रवाद की बाते करते है और मानवता को भली - भाति समझते है उनकी आवाजो को भी कट्टरपंथियों द्वारा दबा दिया जाता है . और कुछ एसे भी होते है जो मत परिवर्तन प़र अपने सुर ही बदल देते है और आक्रामक रूप अख्तियार कर लेते है . शान्ति का सन्देश इस्लाम भले ही देता हो लेकिन मुस्लिम बहुल इलाको में शान्ति क्यों नही टिकती क्यों पाकिस्तानी झंडे लहराए जाते है क्यों घरो दुकानों में आग लगा दी जाती है जैसा की बरेली में हुआ . और तब वे लोग इस सब को बंद करने की अपील तक नही करते फिर क्यों बार - बार मुसलमानों प़र अत्याचार की बाते करते है आखिर क्यों होता है एसा . क्या उनका मकसद यही होता है. वैसे देखा जाये तो सभी दंगो की जड़ है ध्र्मान्तर्ण फिर इस धर्मान्त्र्ण प़र प्रतिबंध क्यों नही लगाता . जो विशेषाधिकार अंग्रेजो ने दिए थे वे आज तक चालू है . जब की स्थिति आज पहले से भी  ज्यादा विस्फोटक है . क्या हम अंग्रेजो की लीक प़र ही चलते रहेंगे या हमारे देश में कुछ बदलाव होगा जिससे हिन्दू - मुस्लिम जनसंख्या बढ़ोतरी प़र ध्यान न देकर देश की तरक्की के बारे में सोचे . और देश मजबूत हो

4 टिप्‍पणियां:

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