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गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

क्या वाकई निर्मल ‘ बाबा ‘ है

थर्ड आई ऑफ़ निर्मल बाबा कैसी भी समस्या हो समाधान करने वाले बाबा महज़ डेढ़ दो सालों मे लोकप्रियता की बुलंदियों को छू रहे निर्मल बाबा हर समस्या का आसान सा उपाय बताते हैं और टीवी पर भी ‘कृपा’ बरसाते हैं। काले पर्स में पैसा रखना और अलमारी में दस के नोट की एक गड्डी रखना उनके प्रारंभिक सुझावों में से है। इसके अलावा जिस ‘निर्मल दरबार’ का प्रसारण दिखाया जाता है उसमें आ जाने भर से सभी कष्ट दूर कर देने की ‘गारंटी’ भी दी जाती है। लेकिन वहां आने की कीमत २००० रुपये प्रति व्यक्ति है जो महीनों पहले बैंक के जरिए जमा करना पड़ता है। दो साल से अधिक उम्र के बच्चे से भी प्रवेश शुल्क लिया जाता है। हमारा सवाल सीधा है क्या वाकई ” बाबा ‘ है निर्मल चुकी २००० रुपए लेकर जिस तरह से समस्याओं का समाधान करने के दावे किये जा रहे है वह कही न कही इस बात की और इशारा कर रहा है की हमारे देश में इस तरह के बाबा लोग अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है बल्कि मोटी कमाई भी कर रहे है वही हम भारतीयों को एसी काल्पनिक दुनिया या कहे चमत्कारिक दुनिया की और धकेल रहे है जो न सिर्फ हमारी समस्याओं का समाधान चुटकियो में कर सकते है बल्कि एक जीवित इंसान को भगवान का दर्ज़ा प्रचार के माध्यम से दिलाते है . एक और सवाल उठता है चुकी प्रचार किया जा रहा है की निर्मल “बाबा ” है क्या बाबा लोग समाज को सलाह या उसके उत्थान या अपने प्रवचनों के लिए भारतीय इतिहास में कभी पैसे लिया करते थे . नानक से लेकर गुरु रविदास , गुरु बाल्मिक , या फिर आचार्य चाणक्य ने कभी पैसो या हीरे मोति लेकर समाज को उपदेश या समाज को कोई दिशा नही दिए . हमारे भारतीय समाज में बाबा शब्द को बड़े ही सम्मान से लिया जाता है चुकी बाबा का अर्थ पिता के सामान भी होता है फिर कोई भी निर्मल २००० रुपए लेने के बाद निमल बाबा कैसे हो सकता है ? क्या एसा करके निर्मल “बाबा ” शब्द की गरिमा को ठेस नही पंहुचा रहे है ?

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी बात पूरी तरह सच है ।ऐसे ढोंगियों का पर्दाफाश होना चाहिए ।

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  2. एक बात तो है बाकी बाबाओं को तो इसने निपटा ही दिया वरना जनता की गाढ़ी कमाई अपने जेबों में भरने वाले कई थे !!
    अब हमें एक ही पर्दाफाश करना होगा !!

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    1. यह निर्मल नरूला एक छटा हुआ ठग है. यह फ्री में तुम्हे कृपा क्या खाक करेगा . ??
      अगर तुम्हारे पास दो हज़ार रूपए नहीं है रो यह तुम्हे पास फटकने भी नहीं देगा . बेवकूफों जाग जाओ !! यह लोगों को उल्लू बना कर अपनी झोली भर रहा है. इस के चमचों ने ही इसे 1.7 करोड़ का चूना लगाया तब इसे पुलिस और अदालत की शरण में जाना पड़ा. उस वक्त कहाँ गयी इस की तीसरी आँख ??? हा हा हा हा .. साला ढोंगी कहीं का ...

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  3. जय श्री कृष्णा....

    बंध्या को बंध्या मिले, तो गाँठ खुलाय कौन।
    अंधे को अंधा मिले, तो राह दिखाये कौन॥

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  4. aapki baat se to mai bhi sahmat hu lekin aaj jisko dekho vahi nirmal baba ke piche bhag raha hai

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