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रविवार, 9 मई 2010

अमेरिका में आतंकी हमला नही होता ' कुछ सिखों

अमेरिका ९ - ११ के बाद कोई हमला न तो हुआ है और अभी होने की कोई उम्मीद भी नही है . भारत २६ - ११ के बाद भी हमले हुए और उससे पहले भी . इन दोनों देशो को देखिये आखिर क्या कारण है इन दोनों देशो में इतना फर्क है . एक देश आतंक से डरता है तो दुसरा कुछ भी नही करता है . अमेरिका आतंक से डरता है और चोक्न्ना रहता है तभी तो ९ -११ के पश्चात अमेरिका में एक भी हमला नही हुआ वह स्थिति को भाप गया और वह चेत गया . लेकिन भारत में आतंक को लेकर दहशत भी है परन्तु उसके खिलाफ करवाई नही . हम एक हमला झेलकर सब कुछ बहुल जाते है और अमेरिका बम की गंध सूंघकर भी पाकिस्तान , इरान जैसे देशो को अपनी गर्जना से ही डरा देता है .हम लोग बार - बार उस देश से कहते है आतंक के खिलाफ करवाई करे और अमेरिका उस देश को ही तह नहस कर देता है जहा से उसके खिलाफ कोई खतरा हो . वैसे आज का जमाना भी यही है या तो तुम सामने वाले प़र ख़ुद पकड मजबूत करो नही तो वो तुम्हे ही ख़ा - निगल  जाएगा . लेकिन अपन न तो पकड मजबूत कर रहे और न ही उसे मजबूर कर रहे है की वो आतंकियों प़र लगाम कसे बल्कि अपन तो दोस्ती की पींगे बांधते आये है . वो जितना हमें देश को नुक्सान पहुचाता है हम उतने उसके करीब होते है . एक अमेरिका है जो उसकी तरफ ऊँगली करता है वह उसकी बाजू उतार लाता है . सभी कहते है मेरा भारत महान लेकिन आने वाली पीढ़ी पूछेगी क्या हम इसलिए महान है की हमने आतंक को  सहा  उस प़र कोई कारवाई नही की अपनों को खोकर हम कैसे बनेंगे महान . इतिहास में भारत ने  बहुत  से युद्ध जीते है लेकिन देश के भीतर जो युद्ध चल रहा है क्या वह हम जीत पाएंगे

1 टिप्पणी:

  1. kaaran hain humari sarkar jo nahin uthati koi thos kadam
    kyon surksha de rahe hain hum aatankiyon ko apni jailon main

    jab tak rahenge aise hi hamle aur honge aur hoga masoom janta ka katleaam

    http://sanjaykuamr.blogspot.com/

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