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मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

भारतीय यहाँ कोन रहेगा ??????


बहुत दिनों से हर आदमी बस यही कहता फिर रहा है मै मराठी हूँ ,पंजाबी , तुम up के भइये हो ,तुम बिहारी हो , मजदूरी करने के लिए जब भी किसी स्टेट का नागरिक किसी दुसरे राज्य में मेहनत करने जाता है तो उसे ये सब सहना पड़ता है . भारत के किसी भी राज्य का नागरिक किसी भी राज्य में न तो आतंक फ़ैलाने जाता है और न ही अपनी जनसँख्या को वह बढाकर उस राज्य के नागरिको को अपना गुलाम बनाने .वह मात्र अपने बीवी बच्चो के लिए रोटी का इंतजाम करने जाता है . लेकिन फिर भी दुसरे राज्य में जाने पर उसे वह सम्मान नही मिल पाता जो एक इन्सान को मिलना चाहिए .  भारत का संविधान कहता है कोई भारतीय किसी भी राज्य या शहर गाव में रह सकता है . भारत आज आजाद देश है फिर भी नागरिको को इतनी भी आजादी नही की वह रोजगार के लिए किसी भी शहर अथवा गाव में रह सके . इस तरह की बातो से कई बार राजा महाराजो का जमाना याद आ जाता है जिसे हम या तो टीवी पर या फिर किताबो में पढ़ते आये है . जिस पारकर वह लोग एक दुसरे के राज्यों पर हमला कर जीत लिया करते थे उसी प्रकार  यह आज भी जारी है . फर्क केवल इतना है पहले राजा लोग ये सब किया करते थे लेकिन आज प्रजा आम आदमी ये सब कर रहा है . आम आदमी जो की उसी राज्य का है उसकी मानसिकता यह है की उस शेत्र पर केवल उसी का वर्चस्व रहे . और इस आग में घी डालने का कम राज ठाकरे जैसे लोग करते है . अगर इस देश में कोई मराठी कोई पंजाबी,बंगाली ,बिहारी , हरियाणवी हो जाएगा तो भारतीय यहाँ कोन रहेगा . वही जमाना फिर से आजाएगा राजा वाला . एक दुसरे से उलझे रहने वाला .गुलामी वाला .  कोई राज्य किसी दुसरे राज्य के नागरिक को निकलेगा तो कोई तीसरे फिर चोथे फिर पांचवे . और फिर कहा होगा भारत . आपस में ही लोग इतने कट्टर होते जा रहे है . की वह देश की तरक्की या ख़ुद की आर्थिक स्थिति को सुधरने की जगह सरकारी इमारतो बसों आदि में आग लगा रहे है . चाहे इस देश का कोई भी इन्सान हो बना  तो भारत माता से ही है इसी मिटटी से ही बना है

2 टिप्‍पणियां:

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