चिट्ठाजगत
www.blogvani.com

बुधवार, 26 मई 2010

जरा सोचिये

चारो तरफ से घिरे है भारतीय


भारतीय चारो तरफ से घिरे है यह बात १६ आने एकदम सच है स्थिति विस्फोटक है . ग्रह युद्ध की आशंकाओं से भी इनकार नही किया जा सकता . साम्प्रदायिक दंगे तो होते ही रहते है . पाकिस्तान अपनी चालो से बाज़ नही आ रहा रोज इंतज़ार कर रहा है कब भारत को दैहलाये . बांग्लादेशी घुसपैठिये हर गाव और बड़े शहर में मोजूद है और संख्या बढती जा रही है . नक्सली चीन के इशारे और उनके हथियारों प़र जब चाहे देश को दहला रहे है ट्रेनों की पटरिया उखाड़ रहे है विस्फोट कर रहे है . विदेशी लोग भारत के टुकड़े म्तान्त्र्ण से करना चाहते है सभी का एक ही सपना है भारत के टुकड़े कर कोई न कोई भाग हथिया लिया जाए . आसान टार्गेट है समय ज्यादा . सभी ज्यादा से ज्यादा भाग प़र कब्जा करेंगे . हम विकास के झुनझुने से खेलते रहेंगे सोटे रहेंगे सेना के जवान शहीद होते रहेंगे और विदेशी विकास की नीव के ठीक नीचे बारूद बिछाते रहेंगे .

हम क्या कर सकते है हम जातियों के नाम प़र लड़ते रहेंगे अपनों का लहू बहता देखते रहेंगे . यही तो हिन्दुस्तान में होता आया है और एसा ही होता रहेगा . हमें देश से क्या लेना हम आधुनिका में अंधे हो चुके है हम निजी स्वार्थो में खो चुके है . लेकिन वो नही सोये ता में बठे है इंतज़ार में बैठे देश के रहनुमा भी सत्ता में चूर है विकास कर रहे है और हम चमचमाती सडको को देखकर ख़ुशी से कूद रहे है उछल रहे है . लेकिन क्या हमारी आने वाली पीढ़ी  भी कूदेगी  झूमेगी या इन लोगो का शिकार बनेगी .जरा सोचिये

2 टिप्‍पणियां:

हर टिपण्णी के पीछे छुपी होती है कोई सोच नया मुद्दा आपकी टिपण्णी गलतियों को बताती है और एक नया मुद्दा भी देती है जिससे एक लेख को विस्तार दिया जा सकता है कृपया टिपण्णी दे