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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

. अब इन मच्छरों को मगरमच्छ बनने से पहले ही बेगोन मच्छर मार पिला देना होगा

क्या आपको कभी मच्छर काटा है ? क्या काटा है जी सभी को काटा होगा . लेकिन कोई रात एसी भी बीती है आपकी जिसमे मच्छरो ने आपको और बच्चो को सोने ही नही दिया हो . कोई रात तो एसी बीती ही होगी . चलिए ये तो हुई मच्छरों की बात अगली रात तक मच्छर मार इंतजाम कर लिया होगा नही तो मच्छर भाग . लेकिन आज एक और मच्छर हमें काट रहा है केवल मुझे नही हम सभी को पूरे देश को . वह मच्छर साधारण नही है उसके डंक मारने से आदमी ओरत बच्चे या बूढ़े उठते नही अपितु उठ जाते है . अरे नही डेंगू मच्छर नही . वह मच्छर है आतंकवाद का . पता नही कहा से घुस जाता है कैसे फैलता है . अभी दो दिन पहले ही उसने लाल चोक श्री नगर में अपने विष से कई आर्मी के जवानों पर हमला किया है . इस मच्छर को गुड नाईट या मोर्तिन से नही मारा जा सकता . न ही यह मच्छर गोबर के गोसे के धुए से भागता है .अगर कुछ किया नही गया तो गली के हर कोने में मच्छरों की भरमार होगी कोई नही बचेगा . इन्ही मच्छरों ने पूरे देश को नपुंसक बना दिया था आज भी देशवासियों की आंखे नम हो जाती है उस घटना को याद कर . याद आया ताज, ओबेराय . अब इन मच्छरों को मगरमच्छ बनने से पहले ही बेगोन मच्छर मार पिला देना होगा . एक मिशन शरू करना होगा नही तो यह प्रजाति फ़ैल जाएगी .


भारत को भी अमेरिकी तर्ज़ पर पहल करनी होगी कब तब आतंकवादी मच्छर भारत का खून पीते रहेंगे . कब तक भारत को आर्थिक दृष्टि पर कमज़ोर करते रहेंगे . कब तक हमारी ही जमीन में घुसकर हमे मारते रहेंगे . भारत कभी भी कमज़ोर नही रहा लेकिन हम रक्षात्मक रवैया रखते है अब दुश्मन सीमा पर नही घर में घुस रहा है हमे भी उनके घर में घुस क्र मरना होगा उसे . पाकिस्तान की पिस्सू जैसी हरकते नही सहनी भारत को .

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