खो गयी कहा
बची किसमे है यहाँ
इमानदार है कहा
देशभक्त कोन है यहाँ
बईमान ९० मिल जायंगे यहाँ
पर है इमान नही बचा यहा
सच को तलाशती है नज़रे तेरी
पर सच्चा कोन बचा यहाँ
सफ़ेद कुर्तो में भी झूठ
कालो में भी झूठ
बिक गया हर कोई
देशभक्त रहा कहा
कोन करता है अब तप
कोन लेता है समाधी
कोन यहाँ है ज्ञानी
हमने खुदी अपनी पहचान मिटा दी
बहुत सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
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