शुक्रवार, 1 जनवरी 2010
हिंदी की खाकर हिंदी को बोलने से भी जी चुराया जा रहा है
कल सभी ने टीवी देखा होगा . ओह टीवी तो रोज़ ही देखते होंगे . लेकिन मैंने कल टीवी में कुछ और देखा . अरे नही आप सोच रहे होंगे एसा क्या देखा . चलिए अब शुरू करते है हिंदी रेडियो . कल सभी टीवी से चिपककर बैठे रहे मै भी . गाने बाज़ रहे थे बड़े बड़े आपके हमारे कलाकार भी बैठे थे अपन अपना पारफोर्मन्से दे रहे थे . गानों और नाचने तक तो सब कुछ अच्छा लगा . लेकिन जब कलाकार मंच पर myke हाथ में लेते तो पता नही क्या हो जाता उन्हें . पता नही क्या बोल रहे थे वो क्या है न अंग्रेजी में बोल रहे थे . लेकिन उनकी बात को महानगरो को छोड़ दिया जाये तो और शहरो में कितने लोगो ने समझा होगा . कलाकार एक्टर सभी खाते हिंदी की है लेकिन असल जिंदगी में हिंदी से इतनी दूरिया क्यों . जैसे कोई भी फिल्म हिंदी में बनी हो तो वह पूरे देश में लोकप्रिय हो जाती है . लेकिन अगर आप उस फिल्म को अंग्रेजी में बना दीजिये वह केवल महानगरो तक ही सिमित रहेगी और महानगरो में भी ४० % लोग ही अंग्रेजी जानते है . ये सभी निर्माता या निर्देशक हो या एक्टर सभी अछि तरह जानते है . अब हिंदी में फिल्म बनाकर करोड़ो रूपए कमाते है तो क्या थोडा सा नमक भी अदा नही कर सकते . अमिताभ बच्चन जी से सिख लेनी चाहिए . हिंदी भाषियों ने इन्हें सम्मान दिया हिंदी से बोलीवूड बना और उसी नीव पर खड़ा है लेकिन जब देखते है हिंदी की खाकर हिंदी को बोलने से भी जी चुराया जा रहा है तो नफरत होती है . इन्हें हिंदी सिनेमा के कलाकार कहते वक़्त
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हिंदी की खाते है बजाते है अंग्रेजी की
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई
उन लोगों के बीच यही फैशन है जी.
जवाब देंहटाएंवर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल