मित्रो जिस तरह से मुस्लिम आरक्षण इस देश में लागू हुआ उससे तो लग रहा है की अब बहुत कुछ इस देश में बदलेगा . मान लीजिये किसी शहर की दूरी एक शहर से दुसरे शहर अस्सी किलोमीटर है तो आने वाले सालो में उसका भी प्रवधान होगा . जैसे उसके ५० किलोमीटर दायरे में जो जगह है वह मुस्लिम के लिए अरक्षित होगी , बीस किलोमीटर की जो दूरी है या जो गाव बीच में होंगे वह इसाइयों के लिए . बाकी बचा बीस किलोमीटर का जो गाव बीच में आयेंगे वहा भी ९५ पर्तिशत दलितों के लिए जमीन अरक्षित होगी . जो पांच पर्तिशत जगह होगी वह सर्व्नो के लिए . मतलब अब इस देश में परिवर्तन होने वाला है . कुछ सालो के बाद इस देश में हिन्दू समुदाय जो की अब बहुसंख्यक है वह अल्पसंख्यक दर्जे में शामिल होने के लिए आन्दोलन करेगा . मंत्री संत्री सभी अल्पसंख्यक ही होंगे . बात अब एक जगह अत्केगी वह होगा प्रधान मंत्री का पद . चलिए उसका भी जुगाड़ हो जाएगा देश का प्रधानमंत्री किसी मुस्लिम समाज से होगा चुकी सबसे अधिक जनसंख्या उसी की होगी . इसाई समाज का राष्ट्रपति होगा . बाकी छोटे मोटे पद या फिर बड़े पद होंगे मुसलमानों और इसाइयों के पास कुछेक एक बचे खुचे पदों पर दलित समाज और सवर्ण समाज कहा होगा इसकी वयवस्था अभी सूझ नही रही है .
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