मित्रो जब भी चुनाव आते है तभी ये सभी राजनैतिक पार्टिया मुस्लिमो को पटाने में लग जाती है सभी पार्टिया ऐसी तुष्टिकर्ण पर उतारू हो जाती है की हिन्दुओ के हित मारने लगती है उनके हक़ छिनने लगती है . जहा एक और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों में होड़ लगी है मुस्लिमो को आरक्षण देने की वही होड़ लगी है हिन्दुओ के हको को मारने की . कोई साढ़े चार पर्तिशत आरक्षण देता है तो कोई नो पर्तिशत की घोषणा करता है और कोई अठारह पर्तिशत आरक्षण देने की वकालत करता है . लेकिन इस सारे आरक्षण की राजनीति के खेल में आम हिन्दू का हक़ छिना जा रहा है चुकी यह आरक्षण अनुसूचित जातियों के कोटे में से ही दिया जा रहा है .पहले हमारे प्रधानमंत्री जी ये खुले आम कह चुके है की देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का है .ये सभी लोग सत्ता की सीधी तक हिन्दुओ के वोटो से ही पहुचते है जैसे मुलायम सिंह यादव वोट बैंक , मायावती दलित वोटबैंक और अन्य हिन्दू वोट , कोंग्रेस ,सभी हिन्दुओ के वोट तो मांगते है पर हिन्दुओ के वोटो के सहारे सता में आकर हिन्दुओ की अनदेखी करते है उन्हें आतंकी कहते है उनके धर्म को अपमानित करते है ,शहीदों का अपमान करते है , यदि कोई हिन्दू दंगे में मारा जाय तो ये ऐसे नाक सिकोड़ लेते है जैसे कोई आतंकी मारा गया है लेकिन मुस्लिम पर कुछ भी आंच आ जाए तो ये लोग आसमान को सर पर उठा लेते है . जैसे इन्हें हिन्दू शब्द , हिन्दू संस्कृति से ही नफरत हो जैसे इनका एकमात्र लक्ष्य हिन्दुओ को कमजोर करना हो . फिर किसलिए ये लोग हिन्दुओ के वोट मांगते है जब की इनका लक्ष्य मुसलमानों को अधिक से अधिक सब्सिडी देना , हिन्दू के टैक्स से मदरसे बनवाना , अधिक से अधिक मुसलमानों को सुविधाए देना क़ानून के तहत. आखिर किस हक़ से ये हिन्दुओ के वोट मांगते है जब की इन्हें हिन्दुओ को किसी किस्म का कोई लाभ देने की कोई इच्छा ही नही है .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हर टिपण्णी के पीछे छुपी होती है कोई सोच नया मुद्दा आपकी टिपण्णी गलतियों को बताती है और एक नया मुद्दा भी देती है जिससे एक लेख को विस्तार दिया जा सकता है कृपया टिपण्णी दे