बाबाओ की बात चल निकली है तो तो बाबाओं पर ही आकर रूकती है और फिर घुमती है चुकी इस कलियुग में ऐसे – ऐसे बाबा लोग है जो खुद को भगवान साबित करने में लगे है उन्ही में से एक है बाबा राम राहीम . ये वाही राम रहीम है जिन्होंने जाम पिलाकर देश में बवाल मचा दिया था और सिखों ने सिरसा में डेरा डाल दिया था ये वाही है बाबा राम रहीम है जिन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में कोंग्रेस को समर्थन दिया था .
उनके भक्तो का कहना वे इंसान को जोड़ते है प्रेम का सन्देश देते है लेकिन आलोचकों का मत है वह सदियों से चली आ रही भारत के हिन्दुओ में हिन्दुत्त्व की आस्था को तोड़ते है उनके भक्तो का मानना है वे अन्धिविश्वास में कमी ला रहे है लेकिन आलोचकों का मत है जो भक्त या लोग देवी -देवताओं को पूजते थे वह अब उन्हें पूजते है एक जीवित इंसान यानी बाबा राम रहीम की मूर्तियों को घरो में लगाते है बाबा राम रहीम के भक्तो के घरो के बाहर अक्सर एक टाइल होती जिस पर ” चाँद तारे का निशान , क्रोस का निशान , ओमकार का निशान , और ॐ का निशान अंकित होता है उस पर यह लिखा होता है ” धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा यु कहे तो बाबा राम रहीम सर्वधर्म का पाठ भी पढ़ाते है यह बाबा का अच्छा प्रयास माना जा सकता है लेकिन फिर भी इनके अनुयाइयो से अक्सर इनके आलोचकों की बहस हो जाती है ” उनका सवाल होता है की बाबा राम रहीम काश्मीर या फिर पाकिस्तान में जाकर सर्वधर्म का पाठ क्यों नही पढ़ाते या फिर किसी मुस्लिम इलाके में या फिर किसी इसाई इलाके में ? ……. वे बात को आगे बढ़ाते है यदि वह एसा करते है तो देश की सच्ची सेवा यही होगी …जवाब में उनके भक्त कहते है नही वह पकिस्तान भी जाते है और काश्मीर भी और मुस्लिम भी उनके भक्त है ….लेकिन आप भी समझ सकते है की बाबा कितने सफल हुए है मुसलमानों को सर्वधर्म का सन्देश देने में या फिर कितना सन्देश देने वह किसी मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में जाते है . . बाबा के कई ऐसे भक्तो को भी देखा जाता है जो माथे पर तिलक लगाने में संकोच करते है और पूजा पाठ में भी उनका तर्क है की यह अंधविश्वास है कई बार उनकी बातो से यह आभास भी होता है की हिन्दुत्त्व को गरियाने वालो की एक और फोज़ देश में तैयार हो रही है जिसके निर्माता जाने अनजाने ही सही बाबा राम रहीम ही है जो खुद को महान इंसान या फिर एक गुरु या कलियुग के नये भगवान के रूप में स्थापित करते प्रतीत होते है . कई बार उनके सत्संगो में जाना होता है उनके अनुयायी जोर से बोलते है ‘ धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा और बगल में उनकी तस्वीर होती है राम और कृष्ण और दुर्गा को मानने वाले इस महान देश में कलियुग के नए बाबा भगवान के रूप में स्थापित हो रहे है ……… यह इस देश का दुर्भागया ही माना जा सकता है...... यह स्थिति देश की विचारधाराओ को तोड़ रही है जो कही न कही इन बाबाओ के अनुयायियों की जनसँख्या में वृद्धि कर भगवान में आस्था को कमजोर कर रही है
उनके भक्तो का कहना वे इंसान को जोड़ते है प्रेम का सन्देश देते है लेकिन आलोचकों का मत है वह सदियों से चली आ रही भारत के हिन्दुओ में हिन्दुत्त्व की आस्था को तोड़ते है उनके भक्तो का मानना है वे अन्धिविश्वास में कमी ला रहे है लेकिन आलोचकों का मत है जो भक्त या लोग देवी -देवताओं को पूजते थे वह अब उन्हें पूजते है एक जीवित इंसान यानी बाबा राम रहीम की मूर्तियों को घरो में लगाते है बाबा राम रहीम के भक्तो के घरो के बाहर अक्सर एक टाइल होती जिस पर ” चाँद तारे का निशान , क्रोस का निशान , ओमकार का निशान , और ॐ का निशान अंकित होता है उस पर यह लिखा होता है ” धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा यु कहे तो बाबा राम रहीम सर्वधर्म का पाठ भी पढ़ाते है यह बाबा का अच्छा प्रयास माना जा सकता है लेकिन फिर भी इनके अनुयाइयो से अक्सर इनके आलोचकों की बहस हो जाती है ” उनका सवाल होता है की बाबा राम रहीम काश्मीर या फिर पाकिस्तान में जाकर सर्वधर्म का पाठ क्यों नही पढ़ाते या फिर किसी मुस्लिम इलाके में या फिर किसी इसाई इलाके में ? ……. वे बात को आगे बढ़ाते है यदि वह एसा करते है तो देश की सच्ची सेवा यही होगी …जवाब में उनके भक्त कहते है नही वह पकिस्तान भी जाते है और काश्मीर भी और मुस्लिम भी उनके भक्त है ….लेकिन आप भी समझ सकते है की बाबा कितने सफल हुए है मुसलमानों को सर्वधर्म का सन्देश देने में या फिर कितना सन्देश देने वह किसी मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में जाते है . . बाबा के कई ऐसे भक्तो को भी देखा जाता है जो माथे पर तिलक लगाने में संकोच करते है और पूजा पाठ में भी उनका तर्क है की यह अंधविश्वास है कई बार उनकी बातो से यह आभास भी होता है की हिन्दुत्त्व को गरियाने वालो की एक और फोज़ देश में तैयार हो रही है जिसके निर्माता जाने अनजाने ही सही बाबा राम रहीम ही है जो खुद को महान इंसान या फिर एक गुरु या कलियुग के नये भगवान के रूप में स्थापित करते प्रतीत होते है . कई बार उनके सत्संगो में जाना होता है उनके अनुयायी जोर से बोलते है ‘ धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा और बगल में उनकी तस्वीर होती है राम और कृष्ण और दुर्गा को मानने वाले इस महान देश में कलियुग के नए बाबा भगवान के रूप में स्थापित हो रहे है ……… यह इस देश का दुर्भागया ही माना जा सकता है...... यह स्थिति देश की विचारधाराओ को तोड़ रही है जो कही न कही इन बाबाओ के अनुयायियों की जनसँख्या में वृद्धि कर भगवान में आस्था को कमजोर कर रही है
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