या फिर कहानी की कमी है भारत में . भारत जहा हजारो क्रन्तिकारी हुए . जहा महाराणा परताप जैसे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसे शूरवीर हुए . जिसके हर शहर हर गाव में सेकड़ो कहानिया हो . वहा भी इस तरह के हथकंडे इस्तेमाल किये जाये तो आप इसे क्या कहेंगे
वैसे देशभक्ति पर भी फिल्मे बनी है और वो सफल हुई और कुछ तो ओस्कर के काफी नजदीक रही रंग दे बसंती ; और लगान जो भारतीय परिष्ठ्भूमि पर बनी थी इन् फिल्मो को लगभग सभी देशो ने सराहा . लक्ष्य ; जिसने युवाओ में एक नया जोश भर दिया देशभक्ति का .
आज भी भारतीयों को अछी कहानी वाली फिमे अछि लगती है . लेकिन भारत में सब कुछ पश्चिम की तर्ज़ पर होता जा रहा है . फिल्म के निर्माता निर्देशक और लेखक सभी भारतीय है . लेकिन हर भारतीय का फ़र्ज़ है भारत को मज़बूत बनाये . अभी जो अश्लील फिल्मे बन रही है उन फिल्मो से युवाओ और बच्चो की मानसिकता पर बूरा असर पड़ रहा है . अश्लील सामग्री बेचकर पैसा तो कमाया जा सकता है लेकिन सामाजिक इज्ज़त नही
chinta ki bat hai
जवाब देंहटाएंये कह देना की भारतीय सिनेमा में कहानी होती ही नहीं हैं ग़लत होगा। दूसरी बात कि आपकी इस पोस्ट की हिन्दी बेहद अशुद्ध हैं उसे ठीक करें।
जवाब देंहटाएंशीर्षक से इतर निकला आपका लेख आपने लिखा क्या भारत में अश्लील सामग्री ..जबकि लेख आधारित है आपका बौलीवुड फ़िल्मों में बढती अश्ललीलता के चलन की ओर ..नहीं ऐसा तो कतई नहीं है अब समाज जिस तेजी से जिस ओर बढेगा तो ये सब स्वाभाविक है ही ...और चिंताजनक भी है ..हालांकि अच्छी और मनोरंजक फ़िल्में अभी भी बन रही हैं और वही पसंद भी की जा रही हैं । दीप्ति जी की सलाह पर ध्यान दें ॥
जवाब देंहटाएंdipti jee kahani to hoti hai lekin hamare yha filmo me jo hathkande apnaye ja rhe hai vah khedjanak hai or me apki salah se sahmat hoo
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