भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी । लालकृष्ण आडवाणी जी को कभी पार्टी का कर्णधार कहा गया तो कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी। महात्मा गांधी के बाद अडवानी जी ही जननायक हैं जिन्होंने हिन्दू आंदोलन का नेतृत्व किया और पहली बार बीजेपी की सरकार बनवाई । हिन्दुओ में नवचेतना लाने वाले भी अडवानी ही है . लाल कृष्ण अडवानी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके है . 1984 में केवल दो सीटों वाली पार्टी को 1999 में 182 सीटों तक पहुँचाने का श्रेय आडवाणीजी को ही दिया जाता है।आडवाणी अपने हिन्दू राष्ट्रवाद की अवधारणा के दम पर भाजपा को नब्बे के दशक में राष्ट्रीय स्तर पर ले आए और अयोध्या आंदोलन के नायक बने। लेकिन २००५ की पकिस्तान यात्रा और एक ब्यान ने उनकी छवि को काफी नुक्सान पहुचाया .संघ ,मिडिया ,तमाम तरह के बुद्धिजीवी उनके योगदान को भुलाकर उन्हें कोसने लगे . कुछ ऐसे हालत भी पैदा कर दिए गये की लोग मोदी में नेत्रित्व क्षमता देखने लगे और शायद आज भी देख रहे है लेकिन वह बीजेपी के कट्टर वोटर है पार्टी में ऐसे लोगो की कमी भी नही है जिन्हें लगता है मोदी का चेहरा ही बीजेपी को सत्ता तक पंहुचा सकता है ऐसे लोग एक व्यक्ति (मोदी) को पार्टी से ऊपर मानने की भारी भूल कर रहे है …..लेकिन वह सही नही है नही है मोदी को पीएम घोषित करके बेशक बीजेपी अपना कट्टर हिंदुत्व का वोट ले सकती है परन्तु आम वोट नही ले सकती जो सत्ता के शीर्ष पद तक पहुचाता है सता में आने के लिए बीजेपी को किसी ऐसे नेता की जरूरत है जो केवल एक राज्य से नही पूरे देश से जुडा हो जिसमे आगे भी जमीन से जुड़ने की क्षमता हो जिसके पास मुद्दे हो ,जो दूरदर्शी हो ,जिसने राजनीती की उबड खाबड़ को देखा हो ,जो जरूरत पड़ने पर बाकी पार्टियों से गठबंधन कर सके . ऐसे नेता बीजेपी में केवल एक ही है वह है आडवाणी ….जो न केवल रथयात्रा के माध्यम से उन राज्यों में जा रहे है जहा बीजेपी पहले से सता पर काबिज़ है बल्कि उन राज्यों के लोगो को भी यह अहसास करा रहे है की केवल बीजेपी ही सुशासन दे सकती है जहा बीजेपी की सरकारे नही है . जनचेतना यात्रा करके आडवाणी जी ने न सिर्फ खुद को एक राष्ट्रिय नेता के रूप में उभारा बल्कि पार्टी में भी एक नई जान फुक दी है . तेलंगाना ,असम ये दोनों राज्य ऐसे है जहा बीजेपी की सरकारे नही है लेकिन लोगो का भारी समर्थन मिल रहा है जहा से आडवाणी गुजरे सडको पर पैर रखने की जगह तक नही बची . यह रथयात्रा ही बीजेपी को फिर से सत्ता दिला सकती है जिसमे न सिर्फ आडवाणी जी बल्कि रविशंकर प्रसाद , जेटली ,सुषमा ,गड्कारी सभी नेता जनता के बीच पहुच रहे है उन्हें अपने विचारों से अवगत करा रहे है जनता को एक अहसास karaa रहे है की विपक्ष नाम की कोई चीज़ बाकि है इस देश में . यही यात्रा राम रथ यात्रा की तरह ही बीजेपी को सत्ता तक पहुचायेगी न की नरेंद्र मोदी की अमेरिका द्वारा की गयी मात्र एक तारीफ .
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