धर्मपरिवर्तन
आतंकवाद
गो ह्त्या
घुसपैठ
बंगला देशी घुसपैठ
सेकुलरिज्म का नंगा नाच
तिरंगे का अपमान
संस्कृति का अपमान
भ्रष्टाचार ,भूख ,गरीबी
सोने जैसी धरती mere देश की
लेकिन देश की आधी आबादी
भूखी ,नंगी
कब तक आखिर कब तक ?
हर रोज आतंक में
हर रोज दंगो में
आखिर मरू तो मै कब तक ?
भारत माता की जय का नारा लगाऊ तो
साम्प्रदायिक
अपना कोई त्यौहार मनाऊ तो
रुढ़िवादी
आजादी कैसी आजादी
झूठी आजादी
मात्र चार पांच हजार लोगो की आजादी
लूटने की ,जमीन अधिग्रहण की ,बोलने की
बाकी देश गुलाम , कैसी है ये आजादी ?
एसी आजादी किसके लिए
कुछ कोर्प्रेट परिवारों के लिए
कुछेक राजनीतिज्ञों के लिए
कुछेक जयचंदों के लिए
फिर मेरी क्या ओकात है इस आजादी में
मै कुछ बोलू तो खुलकर नही बोल पाता
देश हित की बाते साम्प्रदायिक
देश विरोधी बाते अभिव्यक्ति की आजादी है
आखिर कब तक ?
कब तक सोचु मै सुरक्षित हूँ , मेरा घर सुरक्षित है
कब तक मतलबी ,स्वार्थी ,लालची ,बन कर जीता रहू
कब तक देश को लुटते ,विभाजित होते देखता रहू
एक मूकदर्शक की तरह
कब तक चुप रहू ?
गुरु गोबिंद सिंह ,भगत सिंह ,वीर सावरकर
भी तो एसा सोच सकते थे
चुप रह सकते थे
लेकिन लड़े वो देश की खातिर
लेकिन मै क्या कर रहा हूँ ?
कब तक सिर्फ अपने हित के बारे सोचता रहू
कब तक ?
आतंकवाद
गो ह्त्या
घुसपैठ
बंगला देशी घुसपैठ
सेकुलरिज्म का नंगा नाच
तिरंगे का अपमान
संस्कृति का अपमान
भ्रष्टाचार ,भूख ,गरीबी
सोने जैसी धरती mere देश की
लेकिन देश की आधी आबादी
भूखी ,नंगी
कब तक आखिर कब तक ?
हर रोज आतंक में
हर रोज दंगो में
आखिर मरू तो मै कब तक ?
भारत माता की जय का नारा लगाऊ तो
साम्प्रदायिक
अपना कोई त्यौहार मनाऊ तो
रुढ़िवादी
आजादी कैसी आजादी
झूठी आजादी
मात्र चार पांच हजार लोगो की आजादी
लूटने की ,जमीन अधिग्रहण की ,बोलने की
बाकी देश गुलाम , कैसी है ये आजादी ?
एसी आजादी किसके लिए
कुछ कोर्प्रेट परिवारों के लिए
कुछेक राजनीतिज्ञों के लिए
कुछेक जयचंदों के लिए
फिर मेरी क्या ओकात है इस आजादी में
मै कुछ बोलू तो खुलकर नही बोल पाता
देश हित की बाते साम्प्रदायिक
देश विरोधी बाते अभिव्यक्ति की आजादी है
आखिर कब तक ?
कब तक सोचु मै सुरक्षित हूँ , मेरा घर सुरक्षित है
कब तक मतलबी ,स्वार्थी ,लालची ,बन कर जीता रहू
कब तक देश को लुटते ,विभाजित होते देखता रहू
एक मूकदर्शक की तरह
कब तक चुप रहू ?
गुरु गोबिंद सिंह ,भगत सिंह ,वीर सावरकर
भी तो एसा सोच सकते थे
चुप रह सकते थे
लेकिन लड़े वो देश की खातिर
लेकिन मै क्या कर रहा हूँ ?
कब तक सिर्फ अपने हित के बारे सोचता रहू
कब तक ?
mushkil saval fir bhi jabab to dhundhne hi padenge
जवाब देंहटाएंsunil kumar ji in sab sawlao ka jwaab ham bhartiyo ko sanghthit hokr khojnaa hoga blog par padharne ke lie dhnywad
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