tag:blogger.com,1999:blog-5218509442263180053.post6835352773392187388..comments2023-07-09T04:51:23.621-07:00Comments on जागो भारत: निर्मल की आड़ में निशाने पर हिंदुत्वvikas mehtahttp://www.blogger.com/profile/17315693154331289768noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5218509442263180053.post-38649673743336201752012-04-15T00:23:36.542-07:002012-04-15T00:23:36.542-07:00आपसे सहमत नहीं हूँ। निर्मल जैसे चोट्टों ने धर्म और...आपसे सहमत नहीं हूँ। निर्मल जैसे चोट्टों ने धर्म और अंधविश्वास के बीच की रेखा को मिटा दिया है। धर्म और अंधविश्वास में जमीन-आसमान का फासला है न कि एक महीन रेखा। धर्म विज्ञान और तर्कपूर्ण व्यवहार का दूसरा नाम है। मनु ने धर्म के दस लक्षण गिनाए हैं-<br /><br /> धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह: ।<br /> धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् ।। (मनुस्मृति ६.९२)<br /><br />( धैर्य , क्षमा , संयम , चोरी न करना , शौच ( स्वच्छता ), इन्द्रियों को वश मे रखना , बुद्धि , विद्या , सत्य और क्रोध न करना ; ये दस धर्म के लक्षण हैं । )<br /><br />इसमें कहाँ है श्रद्धा, विश्वास, रोज-रोज मन्दिर जाना, 'भगवान' को मानना?<br /><br />हाँ आपकी इस बात से सहमत हूँ कि इसाइयों और मुसलमानों में अंधविश्वास है। किन्तु उससे अधिक उनमें 'मजहबी कट्टरता' है जो धर्म नहीं बल्कि 'अधर्म' है।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com