चिट्ठाजगत
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बुधवार, 4 अगस्त 2010

कावरियो प़र लापरवाही हर बार कोई न कोई हादसा . आखिर क्यों ?

साल में दो बार आती है शिव रात्रि .करोडो कवरिये लाते है कावर .हर बार कोई न कोई हादसा . आखिर क्यों ?
कोन है लापरवाह इन सब हादसों का . कोन है है इन मोतो का जिम्मेदार . सरकार या कावरियो की लापरवाही .

या हिन्दुओ का जागरूक न होना . हर बार कावरिये किसी सडक दुर्घटना में मारे जाते है . आखिर क्यों शिव्भ्ग्त मारे जाते है . सरकारे क्यों नही देती जवाब . क्यों की कावरिये एक एसे समुदाय से है जो समुदाय अपने हक़ की बात तक नही करता . जो समुदाय है तो बहुसंख्यक परन्तु सो रहा है जैसे वह है ही नही . गहरी नींद में सो रहा है .  सदियों से . लेकिन क्या वह एसे ही सोता रहेगा . आपस में लड़ता रहेगा या शिव भगतो के साथ हुए हादसों प़र गंभीर होगा  या समझेगा देश को देशवासियों को उनकी या अपनी तकलीफों को  . अथवा अपने घर को ही देश दुनिया  समझता रहेगा .

मंगलवार, 3 अगस्त 2010

भगत सिंग तो पैदा हो परन्तु .........

आज फिर से एक क्रांति की जरुरत  है .                         है ना .........
लेकिन वह मेरे आपके घर में नही पडोसी के घर में पैदा होना चाहिए . है ना
क्यों मेरे घर में क्यों नही या आपके घर्म में क्यों नही ?
मेरे लड़के को डॉक्टर ,इंजिनियर , बनना है .
है ना ?
फिर कैसे हो भगत सिंग कैसे उठाये अन्याय के खिलाफ आवाज़ ?
मेरा लड़का क्यों पड़े इन चक्कर में .
यही सोच है हम भारतीयों की . आज की ढक लो कल किसने देखा .जिन्दगी को जियो मोज लो . यही सोच तो हो गयी है हम भारतीयों की . खाओ पियो मोज करो और सो जाओ .
फिर क्यों करते हो देश की चिंता . क्यों ख़ुद को राष्ट्रवादी कहते हो जैसा चल रहा है चलने दो . कभी कहते हो बाबा रामदेव हमारा , क्या तुम्हारी देश के पार्टी कोई जिम्मेदार नही है . अगर मोज लेनी है तो क्यों करते हो राष्ट्रवाद की बाते . राष्ट्रवादी बाते करते हो तो राष्ट्रवादी बनो अपन्प्नी जिम्मेदार को समझो . मै कोई आम आदमी नही तुम भी कोई आम आदमी नही ..........इस धरती की संतान है हम इसके लिये जान देना सिखों ............
याद करो अपने पूर्वजों की कुर्बानियों को . जातियों प़र मत लड़ो लड़ो तो देश के लिये मरो तो देश के लिये .